बहुत खूबसूरत बहुत खूबसूरत
रंगीन सपने , घने अँधेरे के जमीन पर ही फलते- फूलते हैं। रंगीन सपने , घने अँधेरे के जमीन पर ही फलते- फूलते हैं।
नभ में घुमड़ते हुए उन घने बादलों को मैंने हमेशा नदियों में सिमटते देखा है. नभ में घुमड़ते हुए उन घने बादलों को मैंने हमेशा नदियों में सिमटते देखा है.
आशा नहीं फिर जीवन बने रेगिस्तान, आशा का है जीवन में बड़ा ही स्थान आशा नहीं फिर जीवन बने रेगिस्तान, आशा का है जीवन में बड़ा ही स्थान
कितना चाहा स्वयं को दर्पण यूँ ना छुपा तू जानता है उसे दर्पण तू बता..? कितना चाहा स्वयं को दर्पण यूँ ना छुपा तू जानता है उसे दर्पण तू बता..?
"समीर" के झोंके के साथ आज आ जाना मेरे पास। "समीर" के झोंके के साथ आज आ जाना मेरे पास।